242, sec-5, Wave City, Ghaziabad
Welcome to सजग समाज सेवा सेतु फाउंडेशन
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यह सेक्शन दिखाएगा कि किसान हर मौसम से लड़ता है, लेकिन कोई सुनिश्चित व्यवस्था नहीं जो मुश्किल समय में उसके परिवार को संभाल सके।
यह भाग समझाएगा कि ऑफिस, फैक्ट्री या दुकान में काम करने वाले लोग लगातार मेहनत करते हैं, फिर भी उनके पास मुश्किल वक्त के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं होती।
यह सेक्शन बताएगा कि तकनीकी रूप से दक्ष लोग — जैसे इलेक्ट्रीशियन, मिस्त्री, चालक — हमारी ज़रूरतें पूरी करते हैं, लेकिन खुद की ज़रूरतों के लिए अकेले हैं।
जब परिवार का कमाने वाला चला जाता है, तो सिर्फ एक इंसान नहीं, बच्चों के सपने, उनकी पढ़ाई, और पूरे जीवन की दिशा पर असर पड़ता है — और ये सब चुपचाप, धीरे-धीरे टूटता है।
हम मानते हैं कि हम हमेशा रहेंगे, लेकिन ज़िंदगी की सच्चाई ये है कि कोई भी दिन आख़िरी हो सकता है — और उस दिन हमारे पीछे रह जाने वाले क्या अकेले पड़ जाएंगे, या समाज उनका साथ देगा?
हर महीने का बजट पहले से ही खिंचा हुआ होता है — बच्चों की फीस, राशन, किराया, दवा... और अब अगर बीमा भी जोड़ें, तो क्या बाकी ज़िंदगी काटने लायक बचेगी? यही वजह है कि ज़रूरत होने के बावजूद ज़्यादातर परिवारों के पास जीवन बीमा नहीं है।
अगर किसी एक के दुख को सब मिलकर उठाएं, तो न कोई बेबस होता है और न ही अकेला — यही है असली समाज।